महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ आपको मिले और आपको कोई हानि न हो.
1-महाम़त्युंजय का जो भी मंत्र का जाप करें उसके उच्चारण ठीक ढंग से यानि की शुद्धता के साथ करें. एक शब्द की गलती आपको भारी पड़ सकती है.
2-इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या निर्धारण कर करे. अगले दिन इनकी संख्या बढा अगर चाहे तो लेकिन कम न करें.
3-मंत्र का जाप करते समट उच्चारण होंठो से बाहर नहीं आना चाहिए. यदि इसका अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में जप करें.
4-इस मंत्र को करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखें.
5-इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे
7-इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या निर्धारण कर करे. अगले दिन इनकी संख्या बढा अगर चाहे तो लेकिन कम न करें.
8-मंत्र का जाप करते समट उच्चारण होंठो से बाहर नहीं आना चाहिए. यदि इसका अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में जप करें.
9-इस मंत्र को करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखें.
10-इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे.
विष्णु पूजा के साथ बोले ये मंत्र