नई दिल्ली: मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को अपने भाषण में कहा है कि ज्ञान के प्रति जिज्ञासा भारतीय संस्कृति का बुनियादी तत्व है और देश गत कुछ वर्षों में शिक्षा के एक केंद्र के रूप में उभरा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के समारोह में अपने संबोधन में सुषमा स्वराज ने कहा है कि देश में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी जैसे बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं, जो जैव प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, वस्त्र प्रबंधन समेत अन्य क्षेत्रों में विशिष्ठ कोर्स प्रदान कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा है कि, 'भारत में अभी 6000 विदेशी छात्र आईसीसीआर के विभिन्न छात्रवृत्तियों के तहत शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और प्रत्येक वर्ष यह संख्या बढ़ रही है'। विदेश मंत्री ने कहा है कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की छात्रवृत्तियों के जरिए भारत में शिक्षा का अवसर देकर दूसरे देशों को क्षमता निर्माण में सहायता देने की एक छोटा सा प्रयास किया गया है।
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सुषमा स्वराज ने कहा है कि, ज्ञान के प्रति जिज्ञासा शुरू से भारतीय संस्कृति और सभ्यता की बुनियाद रही है, जहां नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान रहे हैं और जहां पूर्ण रूप से व्यवस्थित शिक्षा प्रणाली रही है। उन्होंने कहा है कि इन संस्थानों ने आधुनिक भारत में ऐसे ही कई अन्य संस्थानों के आधार का निर्माण कार्य किया है ।
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