बीजिंग: 'मार्क्सवाद' शब्द कार्ल मार्क्स के नाम से आया है, उन्होँने ही पहली बार पूंजीवाद की विस्तृत व्याख्या की, समाज के विकास का गहन अध्यन किया और समाजवाद एवं कम्युनिज्म के बारे मेँ वैज्ञानिक सिद्धांत पेश किए. कार्ल मार्क्स की इन्ही विचारों को अपना का चीन ने इतनी तरक्की की है, यह मन्ना है चीन के वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग का. उनका कहना है कि कार्ल मार्क्स के सिद्धांत के प्रति कम्युनिस्ट पार्टी की निष्ठा ‘‘पूरी तरह’’ सही है और इसने चीन को ‘‘एशिया के बीमार व्यक्ति’’ से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया है. 5 मई 1818 को जन्मे कार्ल मार्क्स की आज 200 वीं जयंती है.
दरअसल, चीन में मार्क्सवाद बहुत प्रचलित है, वहां के माध्यमिक स्कूल के छात्र अपनी पढाई के दौरान ही मार्क्स और लेनिन के सिद्धांतों के बारे में जानना शुरू कर देते हैं, साथ ही स्कूल शिक्षकों के द्वारा भी छात्रों को इन सिद्धांतवादियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया जाता है. उल्लेखनीय है कि चीन, अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कार्ल मार्क्स की 200 वीं जयंती पर बोल रहे थे, जहाँ उन्होंने कार्ल मार्क्स के विचारों की तारीफ़ करते हुए कहा कि आज पुरे विश्व को प्रगति करने के लिए कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों पर चलने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि विश्व में समाजवाद के विकास में झटके लग सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर मानव समाज के विकास की प्रवृत्ति में बदलाव नहीं हुआ है और न ही कभी यह बदलेगी.’’ उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बता का पुख्ता सबूत है कि समाजवाद के जरिए ही चीन को बचाया जा सकता है.
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