सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश पर स्पाइसजेट लिमिटेड को निर्देश दिया कि वह एयरलाइन के तत्कालीन प्रमोटर कलानिधि मारन के साथ चल रहे मध्यस्थता मामले में 2.43 करोड़ रुपये जमा करे। मामला मारन के पक्ष में वारंट जारी न करने से उत्पन्न विवाद से संबंधित है,
एयरलाइन के स्वामित्व को 2015 में सह-संस्थापक अजय सिंह को हस्तांतरित किया गया था।
जंहा इस बात का पता चला है कि यह राशि 5.79 bln रुपये पर देय ब्याज है - SpiceJet का आदेश दिया गया था 2017 में विवाद के हिस्से के रूप में जमा करना।फाइनेंशियल डेली बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन ने पूरी रकम 3.29 bln रुपए की बैंक गारंटी और 2.50 bln रुपए के डिपॉजिट के जरिए जमा की थी।
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुसार, यदि कंपनी भुगतान करने में विफल रही तो मारन को कंपनी के शेयरहोल्डिंग पर अदालत से संपर्क करने और यथास्थिति हासिल करने का अधिकार होगा जो वर्तमान में प्रमोटर अजय सिंह को हिस्सेदारी बिक्री से प्रभावी रूप से रोक देगा।
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