लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो न केवल हैरान करती हैं बल्कि समाज में गंभीर चिंता भी पैदा करती हैं। बुलंदशहर के अनूपशहर थाना क्षेत्र के एक स्थानीय बाजार से 14 दिसंबर को एक सब्जी विक्रेता का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह सब्जियों पर थूकता नजर आ रहा था। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
अनूपशहर कोतवाल राकेश कुमार सिंह के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह गुटखा चबा रहा था और थूकते वक्त उसके सुपारी के कण निकल गए थे। उसने यह भी दावा किया कि वीडियो "गलत इरादे" से बनाया गया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई जांच के निष्कर्षों पर निर्भर करेगी। रिपोर्ट में आरोपी की पहचान मोहम्मद शमीम के रूप में हुई है।
#बुलंदशहर
— Ajeet Rawat Journalist JMD NEWS (@bhaiajit4) December 15, 2024
मानवता को शर्मसार करने का एक और वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल,
बुलंदशहर के कोतवाली अनूपशहर की सब्जी मंडी में गैर समुदाय का सब्जी विक्रेता का सब्जियों पर थूकते हुए वायरल वीडियो आया सामने,
वायरल वीडियो में सब्जी बेचने वाला सब्जियों पर थूकते आ रहा है नजर @bulandshahrpol pic.twitter.com/MLUhA4ZfKO
लेकिन ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले 3 दिसंबर को बागपत जिले के चौहल्दा गांव से एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो युवक तंदूर पर नान बनाते समय बार-बार उस पर थूकते हुए कैमरे में कैद हुए। ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था और लोगों में रोष पैदा कर गया था। इसी तरह की घटना गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र में भी हुई। यहां एक होटल में काम करने वाले नाबालिग कर्मचारी का वीडियो सामने आया, जिसमें वह रोटियों पर थूकता हुआ नजर आया। होटल में खाना खाने पहुंचे प्रकाश सिंह और उनके दोस्त ने ये घिनौनी हरकत देखी और इसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। जब उन्होंने होटल मालिक अनुज और उसके साथी आबिद से इस मामले पर सवाल किया, तो आरोप है कि दोनों ने उन पर हमला कर दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर होटल मालिक और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।
ये घटनाएं सिर्फ एक राज्य या एक क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं। यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? दुनिया अभी कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से बाहर निकली है, जिसने हमें थूक-छींक जैसे मामलों की गंभीरता सिखाई। कोरोना के दौरान यह स्पष्ट हुआ था कि ऐसे कृत्य कितनी भयंकर बीमारियां फैला सकते हैं, फिर भी कुछ लोग इस तरह की हरकतें करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
कभी जूस में थूका जा रहा है, कभी रोटियों पर, तो कहीं सब्जियों और फलों पर। ये हरकतें न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं बल्कि समाज में अविश्वास और गुस्से को भी जन्म दे रही हैं। हालांकि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है, लेकिन वह अभी तक यह पता लगाने में नाकाम रही है कि आखिर ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्या इसके पीछे किसी बड़ी साजिश का इशारा है, या फिर ये केवल मानसिकता का परिणाम है?
जब भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों का मकसद क्या है? क्या ये केवल अज्ञानता है, या फिर कोई गहरी योजना? ये सवाल जितने सरल लगते हैं, उनके जवाब उतने ही जटिल हैं। पुलिस को न केवल इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करनी होगी बल्कि इसके पीछे की वजहों को भी सामने लाना होगा। क्योंकि समाज का हर व्यक्ति यह जानना चाहता है कि आखिर इस घिनौनी हरकत के पीछे की असलियत क्या है।