जूनियर इंडियन पिस्टल टीम के चीफ कोच जसपाल राणा को ओलंपिक कोटा प्राप्त करने वाले सौरभ चौधरी तथा मनु भाकर के लिए इस वर्ष का द्रोणाचार्य ख़िताब दिया जाएगा. राणा को पिछले साल ख़िताब प्राप्त नहीं पर बेहद विवाद हुआ था, तथा ये केस अदालत तक पहुंचा था. राणा के साथ डेविस कप टीम के कैप्टन, कोच रहे 91 वर्ष के नरेश कुमार एवं पूर्व हॉकी कैप्टन तथा जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच रहे हैं. जूड फीलिक्स की गुजारिश भी द्रोणाचार्य के लिए की गई है.
वही अवॉर्ड समिति ने सोमवार को COVID-19 में आए सर्वाधिक आवेदनों को ध्यान में रखते हुए, ध्यानचंद ख़िताब के लिए 15 तथा द्रोणाचार्य के लिए 13 नामों की गुजारिश की है. समिति ने इस बार ऐसे नामों की गुजारिश की है, जो अवॉर्ड के लिए या तो अदालत जा चुके हैं या फिर लंबे वक़्त से आवेदन कर रहे हैं. लाइफ टाइम द्रोणाचार्य के लिए आठ तथा नियमित द्रोणाचार्य के लिए पांच नामों में जसपाल तथा जूड के अतिरिक्त वूशु कोच कुलदीप हांडू, पैरा बैडमिंटन कोच गौरव खन्ना तथा मलखंब कोच योगेश मालवीय के नाम की अपील हुई है.
साथ ही लाइफ टाइम के लिए तीरंदाजी कोच धर्मेंद्र तिवारी, बॉक्सिंग कोच शिव सिंह, कुश्ती कोच ओपी सिंह तथा अश्वनी नचप्पा एवं रोजा कुट्टी के कोच रहे पुरुषोत्तम रॉय प्रमुख हैं. वही दिल्ली में हुए 1951 के पूर्व एशियाई खेलों में देश को गोल्ड मैडल दिलाने वाले स्विमर सचिन नाग को भी आखिर याद कर लिया गया. उनके बेटे अशोक नाग लंबे वक़्त से पिता को ख़िताब दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस बार उनका नाम मरणोपरांत ध्यानचंद ख़िताब के लिए नामित किया गया है. वही अब इस ख़िताब को लेकर वे बेहद प्रसन्न है.
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