भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव नहीं कराने की पैरवी खेल विभाग ने भी कर चुका है। खेल मंत्रालय की ओर से अदालत में दाखिल हलफनामे के उपरांत दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक जारी रहने वाले है। निर्णय 10 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में होने वाला है।
मंत्रालय के हस्तक्षेप पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति कर सकती है नजरें तिरछी: चुनाव पर लगी रोक के विरुद्ध IOA का एक धड़ा सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने की तैयारी कर रहे है। हालांकि मंत्रालय के इस कदम पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) नजरें तिरछी करने वाली है। IOC संविधान के मुताबिक कोई भी गवर्नमेंट उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं करने वाली। इसी आधार पर वर्ष 2012 में IOC ने आईओए को प्रतिबंधित किया जा चुका है। भारतीय टीमों को IOC के झंडे तले खेलना पड़ा था।
जहां इस बात का पता चला है कि IOA के संविधान में एक क्लॉज शामिल नहीं होने के चलते विभाग ने अदालत के अंतरिम आदेश के मुताबिक चुनावी प्रक्रिया जारी नहीं रखने का हलफनामा अदालत में दर्ज करवा दिया है। जिसके आधार पर ही अदालत ने चुनाव पर रोक को जारी रहने वाला है। अदालत ने चुनाव की सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी कार्यवाही पर भी रोक लगाने की बात कही है।
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