भोपाल/ब्यूरो। एसआर मोहंती को बड़ा झटका लगा है। घोटाले की जांच को रोकने के लिए मोहंती सर्वोच्च न्यायालय गए थे लेकिन न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज कर दी गई है। आपको बता दे की दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में एसआईडीसी (SIDC) में 719 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। इस मामले में EOW 19 विभिन्न कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है। एस आर मोहंती उस वक्त MP-SIDC के एमडी थे। आरोप है कि उनके रहते 719 करोड़ रुपए का कर्ज बिना गारंटी के बांटा गया। 2004 से इस मामले की जांच चल रही है।
कमलनाथ सरकार आते ही मिली थी मोहंती को राहत
राज्य सरकार की ओर से याचिका दायर कर कैट के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि पूर्व मुख्य सचिव एस आर मोहंती के खिलाफ 2 जनवरी 2007 को चार्जशीट के जरिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई थी। इस पर जांच जारी थी। सरकार की ओर से बताया गया कि इस बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार ने 28 दिसंबर 2018 को एक आदेश जारी कर उस जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। उसके बाद वापस सत्ता में आई भाजपा सरकार ने 4 जनवरी 2021 को कांग्रेस सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिससे एक बार फिर मोहंती के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया।
वही एक बार फिर मोहंती द्वारा उद्योग निगम में किए गए ₹700 करोड़ से अधिक के लोन घोटाले की जांच की जाएगी। जांच को रोकने के लिए मोहंती सर्वोच्च न्यायालय गए थे लेकिन न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज कर दी गई है। उच्च न्यायालय द्वारा इसके पहले भी उनकी याचिका को नामंजूर किया गया था। 20 साल पहले हुए घोटाले के लिए जिम्मेदार मोहंती के खिलाफ अब विभागीय जांच का रास्ता साफ हो गया है, साथ ही EOW द्वारा फिर से इस प्रकरण को शुरू करने का मौका मिल गया है, जिसे कमलनाथ की सरकार द्वारा वापस लेकर मोहंती को मुख्य सचिव बनाया गया था। 20 साल पहले घोटाले की जांच शुरू हुई थी लेकिन आज तक पूरी नहीं हो पाई और आरोपी अफसर सशर्त पदोन्नति पाते हुए मुख्य सचिव की कुर्सी तक पहुंच गए।
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