भगवान कृष्ण के जन्म का दिन आने में हैं और हर जगह इसकी तैयारी शुरू हो गई है. कृष्ण जन्माष्टमी के लिए हर कोई उत्सुक रहता है और सभी इस त्यौहार को ख़ास मनाने में लगे रहते हैं.
शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान कृष्ण का जन्म आज से सवा पांच हज़ार साल पहले हुआ था जिसका उत्सव आज भी उतने ही धूम धाम से मनाया जाता है और उतने ही उल्लास के साथ. इस पर ये तिथि 2 सितंबर को आ रही है जिसका शुभ मुहूर्त 2 से लेकर 3 तारीख तक है.
बता दें, श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था और जन्माष्टमी उसी तिथि को मनाई जाती है जिस तिथि में उनका जन्म हुआ है. मथुरा के मंदिरों में जन्माष्टमी 3 सितंबर को मनाई जाएगी.
श्री कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा के गोपेश्वर चतुर्वेदी और विजय बहादुर ने बताया कि जन्मभूमि पर रात्रि 11.00 बजे से नवग्रह पूजन होगा. 11.35 बजे तक सहस्त्रर्चन (कमल पुष्प एवं तुलसी दल से) होगा.
आपने टीवी पर देखा ही होगा इसका लाइव प्रसारण बताया जाता है और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पधारते हैं और मंदिर में 11.59 बजे प्राकट्य दर्शन के लिए पट बंद होते हैं और फिर खुलते हैं.
ज्योतिषियों की मानें तो उदया तिथि अष्टमी एवं उदय कालिक रोहिणी नक्षत्र को मानने वाले वैष्णव जन 3 सितम्बर सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत पर्व मनाएंगे. इस दिन सभी व्रत करते हैं और भगवान के जन्म के बाद सभी भगवान का भोग लगाकर अपने व्रत को खोलते हैं.
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