बीजिंग। आखिरकार चीन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए गए बेल्ट एंड रोड फोरम का समापन हो गया। हालांकि इस समारोह में श्रीलंका ने कश्मीर मसले की बात रखी और भारत की परेशानी का समर्थन किया लेकिन उसने कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा उसके केंद्र से गुजरता है। इतना ही नहीं श्रीलंका के प्रमुख कार्य मंत्री सरत अमनुगामा ने कहा कि श्रीलंका के विशेष कार्यमंत्री सरत अमनुगामा ने कहा कि भारत इस प्रोजेक्ट में जरूर शामिल होता मगर उसकी परेशानी का समाधान नहीं हुआ।
श्रीलंकाई मंत्री का कहना था कि इस प्रोजेक्ट में भारत की भागीदारी के बिना किसी भी सफलता की संभावना नहीं है। भारत का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने फाह्यान और ह्वेन सांग का उल्लेख किया कि प्राचीनकाल में चीनी यात्री भारत पहुंचे थे और श्रीलंका व भारत में बौद्ध पुरावशेषों की खोज भी हुई थी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से भारत की कथित संप्रभुता प्रभावित होती है।
श्रीलंका को लेकर उन्होंने भारत को आश्वस्त करने का प्रयास किया और कहा कि श्रीलंका अपने बंदरगाहों पर चीन या फिर किसी भी देश को सेना की गतिविधियों को अंजाम नहीं देने देगा। गौरतलब है कि इस सम्मेलन के ही दमियान एक चीनी पनडुब्बी श्रीलंकाई क्षेत्र की ओर बढ़ रही थी। जिसे श्रीलंका ने अपने समुद्री क्षेत्र में ठहरने की अनुमति नहीं दी इसके बाद यह पनडुब्बी पाकिस्तान के लिए रवाना हुई।
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