पड़ोसी देश श्रीलंका चीन को बड़ा झटका देते हुए भारत के हित में बड़ा निर्णय करने वाला है. कथित तौर पर श्रीलंका अपने समुद्री क्षेत्र में विदेशी जासूसी जहाजों के संचालन पर 12 महीने की रोक लगाने वाला है. यानी चीन के रिसर्च और स्पाई यानी जासूसी जहाज अब पहले की तरह श्रीलंका के बंदरगाहों पर नहीं रुक सकते. रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका यह निर्णय चीन के रिसर्च और जासूसी जहाजों को अपने बंदरगाहों पर रुकने से रोकने के लिए कर रहा है. बता दें कि श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बोला है कि, 'सरकार श्रीलंका के समुद्र या उसके विशेष आर्थिक इलाके (Exclusive Economic Zone) में विदेशी रिसर्च जहाजों पर 1 वर्ष की रोक लगाने पर विचार कर रही है.'
श्रीलंकाई मंत्री ने इसी संदर्भ में आगे बोला है कि, 'इन जहाजों का आना गंभीर राजनयिक तनाव पैदा करता है. 2024 में चुनाव (श्रीलंकाई राष्ट्रपति चुनाव) भी होने जा रहे है. इस तरह के जहाजों का आना क्षेत्र और श्रीलंका के लिए बेहद विघटनकारी हो सकती हैं, क्योंकि सरकार दबाव में आ सकती है. इसलिए हम विचार कर रहे हैं कि इन पर एक वर्ष या उससे भी अधिक समय के लिए रोक लगाई जाने वाली है.'
भारत की आपत्ति के बाद श्रीलंका चीन के खिलाफ फैसला लेगा: अब तक मिली जानकारी के अनुसार चीन अपने समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान (MSR) जहाज, जियांग यांग होंग 3 को 2024 की शुरुआत तक श्रीलंकाई बंदरगाहों पर खड़ा करना चाह रहा है. वहीं इसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी जिसे देखते हुए श्रीलंकाई पक्ष ने यह निर्णय कर लिया है. लेकिन ख़बरों का कहना है कि श्रीलंका 2024 के राष्ट्रपति चुनावों से पहले इंडिया और चीन दोनों ही देशों को खुश करने या नाराज करने से बच रहा है.
देश के विदेश मंत्री अली साबरी ने बोला है कि श्रीलंका अगले 12 महीने तक अपने समुद्री रिसर्च क्षमताओं को विकास करने वाला है ताकि भविष्य के विदेशी रिसर्च अभियानों में समान भागीदार के रूप में भाग ले पाए. श्रीलंका के समाचार आउटलेट डेली मिरर ने उनके हवाले से बोला है कि 'हम 12 महीनों तक अपनी क्षमता में विकास करेंगे ताकि हम विदेशी रिसर्च गतिविधियों में समान रूप से भाग ले सकें.'
अक्टूबर में ही श्रीलंकाई बंदरगाह पर रुका था चीनी जहाज: इसी वर्ष अक्टूबर में, श्रीलंका ने एक चीन के खोजी जहाज Shi Yan 6 को अपने एक बंदरगाह पर रुकने और रिसर्च करने की मंजूरी दी थी. चीन इस तरह के रिसर्च जहाजों, जिसे जासूसी जहाज कहा जाता है, का खूब उपयोग करता है. चीन इन जहाजों के जरिए श्रीलंका से लगे दक्षिण भारत में रणनीतिक प्रतिष्ठानों की जासूसी और मन्नार की खाड़ी में खनिजों की जानकारी जमा करता है.
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