चीन के भारत को घेरने के अरमान पर पानी फिर गया है, मंगलवार को श्रीलंका ने चीन की ओर से हंबनटोटा बंदरगाह को डेवलप करने के मामले में बदलाव कर दिया है. श्रीलंकाई कैबिनेट के इस फैसले से भारत को राहत मिलेगी. यह फैसला श्रीलंका ने श्रीलंकाई जनता के विरोध के कारण उठाया गया है.
चीन ने श्रीलंका के साथ श्रीलंका के दक्षिण स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को डेवलप करने और वहां चीनी निवेश का करार किया था. विचारणीय यह है कि चीन इस बंदरगाह को सैन्य गतिविधियों के लिए भी उपयोग कर सकता था. जिसके तहत श्रीलंका सरकार ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग को 80 फीसदी हिस्सेदारी देने की बात कही थी.
इस बंदरगाह को डेवलप करने के लिए चीनी कंपनी 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही थी. इस करार के बाद श्रीलंका की जनता ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जनता के विरोधो को देखते हुए श्रीलंका सरकार ने बंदरगाह में चीन की भूमिका को सीमित कर दिया है. इस फैसले से भारत के साथ ही जापान और अमेरिका की चिंता दूर होगी.
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