नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर टकराव समाधान (Conflict Resolution) विषय पर 12 नवंबर को यूरोपीय संघ (EU) की संसद को संबोधित करने वाले हैं. उनके भाषण में हालिया अयोध्या समाधान पर भी ध्यान रहेगा. श्री श्री ने अयोध्या पर शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ये उसी लाइन पर है, जिस पर वे सन 2003 से कहते आ रहे हैं.
शीर्ष अदालत के 9 नवंबर के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में रविशंकर ने कहा है कि, “मैं पूरे दिल से माननीय शीर्ष अदालत के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं. फैसला उसी लाइन पर है, जिस पर हम 2003 से बोलते रहे हैं. फैसले ने दोनों समुदायों के साथ इंसाफ किया है और इसका सभी वर्गों ने इसका स्वागत किया है. हमें प्रगति की तरफ बढ़ना चाहिए. साम्प्रदायिक सदभाव को बनाकर विश्व के सामने मिसाल पेश करनी चाहिए.
रविशंकर इन दिनों वेनेजुएला के निकोलस माडुरो और जुआन गुआडियो के बीच बातचीत संभव कराने में सहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा श्रीश्री रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलम्बिया (FARC) से सम्बंधित विवाद को सुलझाने में भी मध्यस्थ की भूमिका निभा चुके हैं. यूरोपीय संघ की संसद में श्रीश्री के भाषण में उनकी तरफ से मध्यस्थ के तौर पर जो शांति समाधान हाल में हुए या जिन पर अभी दुनिया में काम चल रहा है, उन सभी का उल्लेख होगा. श्रीश्री अहिंसा पर आधारित अपनी अवधारणा पर भी राय रखेंगे.
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