वॉशिंगटन। श्रीलंका में इन दिनों लोकतंत्र पर खतरा छाया हुआ है। वहां पर संसद भंग हो चुकी है और इस समय राजनीतिक स्थिति डांवाडोल है। श्रीलंका में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने अगले साल पांच जनवरी को आम चुनाव कराने की घोषणा की है। इस पूरे मसले पर अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक का कहना है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त करने के कारण ही श्रीलंका की स्थिति बिगड़ गई है। थिंक टैंक ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के इस फैसले को गलत करार दिया है।
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थिंक टैंक ने कहा किा श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह एक गलत फैसला था और इससे श्रीलंका की पूरी स्थिति बिगड़ गई है। दक्षिण एशिया मामलों पर केंद्रित थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के निदेशक भरत गोस्वामी ने कहा कि सिरिसेना ने संसद भंग कर दी,जिससे यह संदेश जाता है कि उन्हें बहुमत जुटाने की अपनी क्षमता पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा कि सिरिसेना ने जिस तरह अचानक विक्रमसिंघे को पद से हटाया और राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, उससे देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया और इस वजह से ही देश में अस्थिरता का माहौल है।
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बता दें कि सिरिसेना ने 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे को हटाकर राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाया था। इसके बाद उन्होंने संसद की कार्यवाही 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी। लेकिन पिछले सप्ताह 9 नवंबर को दवाब के चलते आखिरकार उन्होंने संसद भंग कर दी और जनवरी 2019 में चुनाव कराने की घोषणा की।
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