नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Scam) में अरेस्ट किए गए ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज अदालत में पेश किया। न्यायालय में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। पार्थ चटर्जी की जमानत पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, जांच एजेंसी ने कहा है कि पार्थ की जान को खतरा नहीं है, लेकिन अर्पिता की जान को खतरा जरूर है।
उल्लेखनीय है कि, विगत 3 अगस्त को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की ED हिरासत को दो दिन के लिए बढ़ा दी गई थी। पहले उनकी ED हिरासत तीन अगस्त तक ही थी, बाद में अदालत ने उसको पांच अगस्त तक कर दिया था। दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाले में 23 अगस्त को पार्थ मुखर्जी को अरेस्ट किया गया था। उसके बाद से अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोड़ों रुपए नकद बरामद किए गए थे। पिछली सुनवाई में ED के वकीलों ने अदालत में कहा था कि इस मामले में हर दिन ईडी को कई अहम जानकारियां मिल रही हैं।
ED ने काह था कि पार्थ और अर्पिता के नाम से अपा यूटिलिटीज सर्विसेस मिली है। इस संस्था के पास चार फ्लैट हैं। ये संयुक्त रूप से खरीदी गई थी। कुल 9 फ्लैट मिले हैं। इसके अलावा शांतिनिकेतन में भी फ्लैट मिले हैं और बैंक खाते मिले हैं। कोर्ट में बहस के दौरान पार्थ चटर्जी ने वकीलों ने कहा कि अब पार्थ चटर्जी किसी भी संवैधानिक पद नहीं हैं। वह सरकार और पार्टी दोनों में किसी भी पद पर नहीं हैं।
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