चेन्नई: तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी। सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा अरेस्ट किए जाने के बाद राज्य की एमके स्टालिन सरकार ने केंद्रियों एजेंसियों से संबंधित एक बड़ा फैसला लिया है। तमिलनाडु में अब मामलों की जांच करने के लिए CBI के लिए अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। तमिलनाडु गृह विभाग ने बुधवार (14 जून) को कहा है कि तमिलनाडु राज्य में मामलों की जांच के लिए CBI से सामान्य सहमति वापस लेता है।
बता दें कि, अब CBI को तमिलनाडु में किसी भी मामले में जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी, यदि राज्य सरकार इजाजत देती है तो ही जांच हो पाएगी, वरना नहीं। हालांकि, स्टालिन सरकार के कदम से ED या NIA की जांच प्रभावित नहीं होगी। बता दें कि, इससे पहले पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान समेत नौ राज्यों ने पहले ही CBI के खिलाफ यह कदम उठाया है। गौर करें कि, CBI को जांच करने से रोकने यानी अनुमति अनिवार्य करने के अधिकतर फैसले गैर-भाजपा शासित राज्यों में ही लिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि, तमिलनाडु सरकार के मंत्री वी। सेंथिल बालाजी को ED ने राज्य के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी यानी रिश्वरत लेने के मामले में बुधवार को अरेस्ट किया है। बालाजी तमिलनाडु में सीएम एमके स्टालिन सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं। सीएम स्टालिन ने इस मामले पर कहा कि जब बालाजी ने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया है, तो लंबी पूछताछ की क्या आवश्यकता है ? उन्होंने कहा कि क्या ED की इस प्रकार की अमानवीय कार्रवाई उचित है। बालाजी 2014-15 में अपराध के वक़्त अन्नाद्रमुक में शामिल थे और उस समय परिवहन मंत्री भी थे।
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