शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने साफ कहा कि हरियाणा में औद्योगिक कंपनियों को अब अकुशल श्रेणी में 75 फीसद रोजगार हरियाणवी युवाओं को देना पड़ेगा. उद्योगों को लगाने के लिए जरूरी भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) में यह नियम पहले से है जिसे प्रदेश सरकार सख्ती से लागू कराएगी. सक्षम युवा और रोजगार कार्यालयों की मदद से औद्योगिक इकाइयां स्थानीय युवाओं की भर्ती कर सकेंगी.चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में शुक्रवार को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की सौ दिन की उपलब्धियां और भविष्य का रोडमैप दिखाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह बात कही. मनोहरलाल ने कहा कि फैसले को कानून का रूप देने के लिए सरकार द्वारा अभी मंथन किया गया जा रहा है. विधानसभा के बजट सत्र में यह प्रस्ताव आ सकता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मनोहरलाल सरकार ने 27 अक्टूबर 2019 को दूसरा कार्यकाल शुरू किया था. 5 फरवरी को सरकार के सौ दिन पूरे हो गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में व्यस्तताओं के चलते उस दिन अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दे पाए.मनोहरलाल पत्रकारों से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत चौटाला और राज्य मंत्री अनूप धानक के साथ रूबरू हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों में स्थानीय युवाओं को वास्तविक रोजगार की स्थिति का पता लगाने के लिए उद्योग एवं श्रम विभाग के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस संबंध में रिपोर्ट आने के बाद उद्योगपतियों को बाध्य किया जाएगा कि वे संबंधित क्षेत्र अथवा जिले के अकुशल युवाओं को रोजगार प्रदान करें.अगर किसी उद्योगपति को अपने क्षेत्र या जिला में 75 फीसद अकुशल कामगार नहीं मिलते हैं तो वह बाहर से इसका प्रबंध करने के लिए स्वतंत्र होंगे. मुख्यमंत्री ने साफ किया कि इस मामले में संबंधित उद्योगपति के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं होगा.
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