सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधान सभा उप चुनाव में सभी तीन सीटों पर कब्जा जमा लिया. कलियागंज, खड़गपुर सदर और करीमपुर में तृणमूल के उम्मीदवारों को जीत मिली है जबकि भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. इस जीत से गदगद तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐतिहासिक जनादेश करार दिया है और कहा है कि जनता ने भाजपा के अहंकार का जवाब दिया है. बनर्जी ने कहा कि 'धर्मनिरपेक्षता और एकता' के पक्ष में और 'एनआरसी' के खिलाफ जनादेश है क्योंकि भाजपा ने अपने अहंकार और राज्य के लोगों को अपमानित करने का काम किया जिसका वह परिणाम भुगत रही है.
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अपने बयान में ममता ने यह भी कहा कि वह 2021 (बंगाल विधानसभा) की बात कर रहे थे जबकि 2019 में ही मामला समाप्त है क्योंकि भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. भाजपा को नहीं सोचना चाहिए कि देश के लोग बहुमत (भाजपा के पास) नहीं होने के बावजूद राज्यों में सरकार गठन के उसके धौंस जमाने वाले तौर तरीकों को स्वीकार कर लेंगे.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सचिवालय नवान्न में बातचीत में ममता ने कहा कि मैं मां, माटी, मानुष के प्रति आभारी हूं, कतार में खड़ा होकर लोगों ने वोट दिया और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. यह जाति, धर्म, संस्कृति के नाम पर लोगों को बांटने वालों को करारा जवाब है जिसे वही महसूस कर सकता है जिसने जनता के हित में कोई उपलब्धि हासिल की हो. उन्होंने एक बार फिर कहा कि वे बंगाल में किसी भी कीमत पर एनआरसी लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने कहा कि एनआरसी भाजपा का चुनावी एजेंडा है जिसने राज्य में जनता के मन में भय पद कर दिया है जिस कारण 20 से अधिक लोगों ने खुदकशी कर ली है.
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