गुजरात राज्य सरकार में काफी समय से असंतोष नजर आ रहा है. जिसे लेकर काफी मामले सामने आ रहे है. वड़ोदरा के सावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक केतन इनामदार ने इस्तीफा दे दिया है, वहीं तीन अन्य विधायक इसी मुद्दे पर नाराज हैं. इन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की जीएनएफसी इकाई में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं दी जाती. इन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जीएनएफसी में बड़े पैमाने पर घोटाला हो रहा है. साथ ही यहां हानिकारक कचरों का स्टोर हो रहा है. इससे स्पष्ट है कि यहां पर भोपाल जैसी दुर्घटना हो सकती हैं. विधायकों ने इस संस्थान के प्रबंध निदेशक के एक हथ्थू शासन के खिलाफ भी अपनी नाराजगी जतायी हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के विधायक केतन ईनामदार के बाद दुष्यंत पटेल ईश्वर पटेल और अरूण सिंह राणा ने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य सरकार संचालित कम्पनी जीएनएफसी पर कोई आरोप लगाए हैं. इन विधायकों ने कहा है कि राज्य सरकार की इस कम्पनी में घोटाले हो रहे हैं. इस इकाई में नियम के अनुसार स्थानीय लोगों को 80 प्रतिशत नौकरी नहीं दी जाती. इसका सरेआम उल्लंघन हो रहा हैं. सच तो यह है कि कम्पनी का मार्केट कैप 75 प्रतिशत कम हो गया हैं.
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इस मामले को लेकर विधायकों ने शिकायत की है कि जीएनएफसी के प्लॉट में टीडीआइ की अधिकता वाला कचरा एकत्र किया जाता हैं. टीडीआइ से भरे हुए खतरनाक टैकों के कारण भोपाल कांड जैसी दुर्घटना कभी भी हो सकती हैं. जीएनएफसी के प्रबंध निदेशक मनमानी तौर तरीके से काम करते हैं.इस प्रकार भाजपा के तीन और विधायकों ने अधिकारियों की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाई हैं. इससे सरकार की चिंता में बढ़ोतरी स्वाभाविक हैं. प्रदेश भाजपा नेतृत्व भी असमंजस के हालात में हैं.
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