भोपाल: ( ब्यूरो रिपोर्ट)- राज्य सरकार ने प्रदेश में योग के प्रति जागरूकता, प्रचार-प्रसार और योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये योग आयोग का गठन किया है। आयोग का एक स्वतंत्र कार्यालय शासकीय योग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल में स्थापित होगा, जिसमें एक सचिव, पदेन निदेशक महर्षि संस्कृत संस्थान, दो मल्टीटॉस्किंग स्टॉफ और आवश्यकतानुसार सुरक्षा एवं साफ-सफाई कर्मी (आउट सोर्सिंग) होंगे। आयोग समय-समय पर आवश्यकतानुसार बाह्य स्रोतों से विषय-विशेषज्ञ, व्यावसायिक सेवा एवं सलाहकार सेवा प्राप्त कर सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
आयोग का उद्देश्य: योग आयोग का उद्देश्य यह है कि यह प्रशासकीय विभाग द्वारा गठित निकाय होगा, जो योग संबंधी जागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं योग शिक्षा को बढ़ावा देगा, ताकि बाल्यावस्था से आजीवन योग जीवन का हिस्सा बन सके।
आयोग के कर्त्तव्य: योग आयोग, योग से संबंधित योजना, योग कार्यक्रमों का क्रियान्वयन एवं समीक्षा करेगा। योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं/व्यक्तियों को सम्मानित करने एवं पुरस्कार के लिये चयन करेगा। आवासीय एवं गैर-आवासीय योग प्रशिक्षणों का आयोजन करेगा। प्रदेश की शासकीय एवं अशासकीय शालाओं में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में योग को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिये योग करने हेतु प्रेरित करेगा एवं आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षणों का आयोजन करेगा। आयोग अपनी गतिविधियों का संचालन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से करेगा। आयोग का पंजीयन सोसायटी एक्ट के अंतर्गत किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग आयोग का प्रशासकीय विभाग होगा, जो आयोग के सुचारु संचालन के नियम बनायेगा।
आयोग की संरचना: स्कूल शिक्षा मंत्री आयोग के पदेन अध्यक्ष, महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष पदेन उपाध्यक्ष और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के निदेशक पद पर सचिव होंगे। साथ ही राज्य शासन द्वारा योग के क्षेत्र में कार्य अनुभव रखने वाले 5 अशासकीय सदस्य मनोनीत होंगे। आयोग में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष एवं चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, खेल एवं युवा कल्याण, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव के प्रतिनिधि शासकीय सदस्य होंगे। आयोग में आवश्यकता अनुसार नेहरू युवा केन्द्र, राष्ट्रीय सेवा योजना, नेशनल केडेट कोर, स्काउट-गाइड एवं अन्य समूहों के सदस्यों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया जा सकेगा। अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा।
'हिंसा के पीछे आतंकवादी और राजनीतिक गुंडे...', अग्निपथ योजना पर मचे बवाल को लेकर बोले राम सूरत राय
मंदिर में झाड़ू लगाते नजर आई राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू, वायरल हुआ VIDEO