देश में 31 मई तक लॉकडाउन 4.0 लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस बार अनेक ढील दी हैं, मगर बहुत सी बातें राज्य सरकारों पर छोड़ दी हैं। केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की हैं, उनमें आरोग्य सेतु एप को लेकर भी कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी बताते हैं कि हम लॉकडाउन 4.0 में कोरोना की लड़ाई काफी हद तक जीत लेंगे, बशर्ते राज्य सरकारें केंद्र की सलाह पर काम करें। खासतौर पर, उन्हें आरोग्य सेतु एप को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों पर खरा उतरना होगा।देखने में आया है कि अनेक राज्यों में सरकारी कर्मियों ने यह एप डाउनलोड तो किया है, मगर वे सही तरह से इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
अधिकांश लोग अपना ब्लूटूथ बंद रखते हैं। इससे एप का मकसद ही खत्म हो जाता है। इस बार राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे जिला स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर एप का पूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करें।केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 के दौरान कोरोना की लड़ाई में आरोग्य सेतु एप को एक अहम उपकरण बताया था। पीएम मोदी ने खुद लोगों से अपील की थी कि वे इसे अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें।इसके बाद आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने वाले लोगों की संख्या दस करोड़ के पार पहुंच गई।
इस बीच मालूम हुआ कि देश के पांच सौ से अधिक जिलों में बहुत से लोग, जिनमें सरकारी और निजी कर्मचारी शामिल थे, वे अपने फोन का ब्लूटूथ बंद रखते हैं। हालांकि उन सभी ने यह एप डाउनलोड कर रखा है। बिहार के किशनगंज कंटेनमेंट जोन में इस एप के मात्र तीन हजार यूजर मिले थे।इसी तरह हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, नागालैंड, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में सरकारी कर्मियों ने भी पूर्ण रूप से आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल नहीं किया है। सभी कर्मचारी दिखावे के लिए इस एप को डाउनलोड कर लेते हैं, मगर फोन का ब्लूटूथ बंद रखते हैं। इससे एप की प्रासंगिकता ही खत्म हो जाती है।
Samsung Galaxy A11 और Galaxy A31 स्मार्टफोन की जानिये कीमत
व्हाट्सएप के IOS बीटा वर्जन में जुड़ा यह टूल
Sprint के इन प्लान्स में मुफ्त में मिलेगी प्रीमियम एप की सब्सक्रिप्शन