भोपाल: भाजपा संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बाद मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने शनिवार को कहा, मुझे बिल्कुल भी घमंड नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पार्टी कहेगी कि जैत (सीएम का गृह गांव) में रहो तो वहां रहूंगा। पार्टी बोलेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा। राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए।
बता दें कि शिवराज ने एक चैनल के समारोह में कहा, भाजपा एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है, जो यह निर्धारित करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम राज्य में तय करते हैं। उन्होंने कहा- राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें सम्मिलित किया है, वे सभी योग्य हैं। इसमें पूर्व-पश्चिम एवं उत्तर-दक्षिण को ध्यान में रखा गया है।
बता दें भाजपा ने 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था, जिसमें कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है, जबकि मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर किया गया था। शिवराज भाजपा के सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री हैं। यही कारण है कि वे बीते 9 वर्षों से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे। मध्यप्रदेश से अब दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह प्राप्त हुई है। संघ के नजदीकी माने जाने वाले जटिया उज्जैन से सात बार सांसद रहे। भाजपा ने एक बार उन्हें राज्यसभा भी भेजा।
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