लखनऊ: पिछले कुछ दिनों पहले गांधी जयंती पर यूपी के विधानमंडल के 36 घंटे के विशेष सत्र से विपक्ष ने पूरी तरह किनारा कर लिया था. जंहा अब संविधान दिवस पर मंगलवार को होने जा रहे विधानमंडल एक दिवसीय विशेष सत्र पर भी सियासी खींचतान शुरू हो गई है. कांग्रेस और बसपा तो सर्वदलीय बैठक में किए गए वादे पर कायम हैं, लेकिन सपा ने उसी दिन बड़े प्रदर्शन का एलान कर सदन के बहिष्कार का इशारा कर दिया है. हालांकि, अंतिम निर्णय सोमवार को विधानमंडल दल की बैठक में किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक इस बात का पता चला है कि संविधान दिवस पर संविधान की उद्देशिका और उसमें निहित मूल कर्तव्यों के संबंध में चर्चा के लिए विशेष सत्र आहूत किया गया है, जिसके लिए पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. जंहा उसमें सभी दल नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया. मगर, अब सपा की रणनीति कुछ बदली नजर आ रही है. सपा ने कहा है कि सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म कर सरकार ने इन छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजी-रोटी से वंचित करने की साजिश रची है. इस फैसले की वापसी के लिए मंगलवार को पार्टी बड़ा प्रदर्शन करेगी. चूंकि उसी दिन विशेष सत्र है, ऐसे में माना जा रहा है कि सपा इसका बहिष्कार कर सकती है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय के लिए सोमवार को विधानमंडल दल की बैठक पार्टी मुख्यालय में होनी है.
वहीं यदि सपा सत्र से बाहर रहती है तो इसका असर विशेष सत्र पर नजर आएगा. भले ही विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल होते हुए भी समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या कम हो लेकिन, उच्च सदन यानी विधान परिषद में उसका बहुमत है. वहीं, कांग्रेस सत्र को हंगामेदार बनाने के मूड में है. जंहा वह सपा पर लगातार हमलावर है. वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा का कहना है कि हम सर्वदलीय बैठक के वादे पर कायम हैं. संविधान दिवस के विशेष सत्र में शामिल जरूर होंगे. जनहित के मुद्दों पर सरकार से संवाद करना है, सवाल पूछना चाहते है.
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