भोपाल। प्रदेश की राजधानी में पहली जीआईएस (जियोग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) लैब बनाई जानी है। प्रदेश में होने वाले नवनिर्मणों पर अब आसमान से नजर रखी जाएगी। इसके चलते विकास विभाग और नगरीय प्रशासन द्वारा करीब 16 नगर निगमाें में संपत्तियाें की मैपिंग करवा रहा है। जब कभी भी इन संपत्तियाें पर निर्माण कार्य किया जाएगा इसकी जानकारी सेटेलाइट की मदद से संबंधित शहर के निगम आयुक्त के मोबाइल पर पहुंच जाएगी।
16 नगर निगमाें में संपत्तियाें की मैपिंग की जानी है जिस मे से अभी तक 4 नगर निगमाें यानी भोपाल, इंदौर, सागर और मुरैना की संपत्तियाें की मैपिंग की जा चुकी है। वहीं, तकरीबन 4.25 करोड़ रुपए की लागत से ग्वालियर में यह काम सतारा सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जाना है। मध्यप्रदेश में सबसे पहली जीआईएस लैब करीब 4 माह में बनकर तैयार हो जाएगी।
जीआईएस (जियोग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) लैब में सैटेलाइट के द्वारा रिमोट सेंसिंग एजेंसी से मैप डाटा और लाइव फीड लिया जाएगा। करीब 15 लोगो की टीम इस लैब में काम करेगी वहीं, इस कार्य के लिए रिमोट सेंसिंग एजेंसी से टाइअप किया जाएगा और जैसे ही एजेंसी के द्वारा डाटा डाला जाएगा वैसे ही संबंधित नगर निगम को अलर्ट भेजकर कार्रवाई की जा सकेगी।
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