नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार (1 फ़रवरी) को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। हालाँकि, चुनावी वर्ष होने के कारण ये पूर्ण नहीं, बल्कि अंतरिम बजट है। अपने बजट भाषण में सीतारमण ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 50 वर्षों के लिए राज्यों को 75000 करोड़ का ब्याज मुक्त लोन प्रदान किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 'विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों में सुधार पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सराकर द्वारा कई सुधार किए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि इस परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्यों को आर्थिक सहायता की आवश्यकता है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए उन्हें 50 वर्षों के लिए 75000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन देने का प्रस्ताव किया गया है। प्रदेशों को समर्थन देने के लिए इस साल ब्याज मुक्त लोन प्रस्तावित है, जो राज्यों की स्थिति में सुधार लाने में मील के पत्थर का कार्य करेगी। सीतारमण ने कहा की राज्यों को केंद्र का समर्थन इस वर्ष भी जारी रहेगा।
बता दें कि गत वर्ष अपने बजट भाषण में पूंजीगत निवेश को लेकर राज्यों को विशेष सहायता योजना का ऐलान किया गया था। इस योजना के तहत सरकार कुल 1।3 लाख करोड़ रुपये तक की रकम 50 वर्षों के ब्याज-मुक्त लोन के रूप में देने की घोषणा की थी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने कुछ महीनों बाद जानकारी दी थी कि इस योजना के तहत 16 राज्यों को 56,415 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी गई है। अब इस वर्ष के लिए 75,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस वित्तपोषण से राज्यों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जल आपूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे समेत विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश परियोजनाएं पूरी करने में सहायता मिलेगी।
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