लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के जयंत चौधरी के फैसले के कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने पार्टी और उसके प्राथमिक पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए शाहिद सिद्दीकी ने कहा, ''जब भारत का संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में हो तो चुप रहना पाप है।''
उन्होंने एक्स पर लिखा कि, ''कल मैंने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयन्त सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से अपना त्यागपत्र भेजा। आज जब भारत का संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है तो चुप रहना पाप है। मैं जयन्त जी का आभारी हूं लेकिन भारी मन से मुझे रालोद से दूरी बनानी पड़ रही है। भारत की एकता, अखंडता , विकास और भाईचारा सभी को प्रिय है। इसे बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी और कर्तव्य है।''
उन्होंने आगे लिखा कि, "मैंने अब इस्तीफा क्यों दिया? दो कारण। मैं तुरंत इस्तीफा नहीं देना चाहता था क्योंकि मैंने चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत किया था। मैं इसका विरोध करते हुए नहीं दिखना चाहता था। दूसरे, जब चुनाव की घोषणा हो चुकी है तब निर्वाचित मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों पर हमला भारतीय लोकतंत्र और हमारे द्वारा बनाए गए महान संस्थानों पर हमला है। उल्लेखनीय है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने दादा चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न की घोषणा के बाद जयंत चौधरी की आरएलडी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
RLD दो लोकसभा सीटों, बागपत और बिजनौर पर चुनाव लड़ेगी, और आगामी चुनावों के लिए उसे राज्यसभा सीट का भी वादा किया गया है। जयंत चौधरी की आरएलडी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है और भाजपा को इस क्षेत्र में फायदा होने की उम्मीद है जो प्रभावशाली जाट समुदाय का घर है।
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