इंदौर। संभवतः फैमिली कोर्ट में इस तरह का पहला ही मामला आया होगा, जब किसी महिला ने अपने वैवाहिक सुख मांगने के लिये कोर्ट की शरण ली है। बताया जाता है कि जिस महिला ने कोर्ट की शरण लेकर अपने लिये वैवाहिक सुख मांगा है, उसने अपने सास ससुर पर यह आरोप लगाया है कि जब से उसका विवाह हुआ है, तभी से उसके सास ससुर उसके निजी रूम में जाने के लिये रोकते है।
फिलहाल कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुये महिला के ससुराल पक्ष के लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामला भले ही अजीबो गरीब हो, लेकिन जिस तरह से महिला ने अपने वैवाहिक सुख के लिये कोर्ट की शरण ली है, उससे फैमिली कोर्ट के जज भी अचंभित रह गये होंगे कि कहीं ऐसा भी हो सकता है कि किसी महिला को उसके सास ससुर वैवाहिक सुख से वंचित कर रहे हो। कोर्ट ने महिला के सुसराल वालों से कहा है कि वे इस मामले में अपना जवाब 15 सितंबर तक पेश करें।
यह है पूरा मामला -
कोर्ट में अर्जी दाखिल करने वाली महिला के वकील ने बताया कि महिला का विवाह स्कीन नंबर 54 के रहने वाले सिद्धार्थ शर्मा से 2015 में हुआ था। बताया गया है कि जिस परिवार में उसका विवाह हुआ वह संयुक्त परिवार है लेकिन महिला को सबसे ज्यादा इस बात का है कि उसके सास ससुर उसे निजी जिंदगी जीने में बाधा उत्पन्न करते है। महिला का आरोप है कि भले ही विवाह के तुरंत बाद ही उसे और उसके पति के लिये एक कमरा दे दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी उसे उसके निजी कमरे में नहीं जाने दिया जाता है। अब इसके पीछे कारण तो साफ नहीं हो सका है, लेकिन महिला को उम्मीद है कि कोर्ट से उसे न्याय जरूर मिलेगा।