अक्सर लोग अपने जीवन में कुछ ऐसे कारनामे अंजाम दे जाते हैं जिसके कारण उन्हें हमेशा याद किया जाता है। ऐसा ही एक नाम है स्टीव जॉब्स का। विश्वभर में कंप्यूटर एवं मोबाइल फोन के सेक्टर में क्रांति के अग्रदूत माने जाने वाली एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स का देहांत आज ही के दिन हुआ था। 5 अक्टूबर 2011 की दिनांक स्टीव जॉब्स की डेथ एनिवर्सरी के तौर पर इतिहास में दर्ज है।
स्टीव जॉब्स के दोस्त बिल फर्नांडिज के अनुसार, 1 अप्रैल 1976 को उन दोनों ने एपल आरम्भ की तथा बिल एप्पल के पहले एंप्लॉई बने। 1977 में एपल लिस्टेड हुई। रॉड होल्ट इंजीनियरिंग डिविजन के हेड बने। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के मध्य भारत दौरे पर निकले। वह टूरिज्म के मकसद से भारत नहीं आए थे। वह अध्यात्मिक खोज में यहां आए थे उन्हें एक सच्चे गुरू की खोज थी। स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे तथा इसके पश्चात् वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं।
वही बताया तो यह भी जाता है कि स्टीव को एप्पल के LOGO का आइडिया बाबा के आश्रम से ही प्राप्त हुआ था। नीम करौली बाबा को कथित रूप से सेब बेहद पसंद थे यही कारण था कि स्टीव ने अपनी कंपनी के व्यक्तियों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की वास्तविकता के बारे में कुछ नहीं बोला जा सकता है।