बैंगलोर: कर्नाटक में गणपति विसर्जन के दौरान मांड्या जिले के नागमंगला में एक जुलूस पर हमले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने मांग की है कि इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जाए। 11 सितंबर को गणपति विसर्जन के दौरान जुलूस पर मस्जिद के सामने पथराव किया गया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
कांग्रेस का समावेशी कर्नाटक मॉडल:
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) September 12, 2024
गणपति पूजा पर हमला हुआ, पथराव हुआ और देसी बम फेंके गए. हिंदुओं के बाइक के शोरूम में आग लगाई गई चुन चुन कर हिंदुओं के 20 से 25 दुकानें जला दी गई .सड़क पर खड़ी बाइक और कार जला दी गई
कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा, यह बेहद छोटी मामूली घटना है,… pic.twitter.com/SkvDDlNlmA
गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए, शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना भगवान गणेश और हिंदुओं का अपमान है और यह कोई छोटी घटना नहीं है। करंदलाजे ने कहा, "जब भी कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार होती है, हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई होती है। मांड्या में जो हुआ, वह भगवान गणेश और हिंदुओं का अपमान है। सरकार कहती है कि यह एक छोटी घटना थी, लेकिन अगर हिंदुओं की 25 दुकानों को जलाना छोटी घटना है, तो बड़ी घटना क्या होनी चाहिए?" उन्होंने सिद्धारमैया पर हिंदुओं के खिलाफ होने और अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगाया, और दोषियों की गिरफ्तारी और एनआईए से जांच की मांग की।
कर्नाटक के #Mandya में गणेश जी विसर्जन पर पथराव।जैसे हि भक्तों की टोली एक मजहबी इमारत के पास पहुंची,दुसरे समुदाय ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।
— Monu kumar (@ganga_wasi) September 12, 2024
आगजनी की गई।
लोगो का कहना है की पुलिस,पत्थरबाजों को छोड़कर भक्तो पर ऐक्शन ले रही है।
कॉन्ग्रेसी राज्यों में भक्ति जुर्म है?#Karnataka pic.twitter.com/jsawB4LfGS
हालाँकि, कांग्रेस सरकार के अधीन काम करने वाली पुलिस ने अलग ही कहानी बताई है। मांड्या के पुलिस अधिकारी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब गणपति विसर्जन जुलूस उस जगह पर रुकी और लोग कुछ समय के लिए दरगाह के सामने नाचने लगे। इसके बाद मुस्लिम समूह ने जुलूस को वहां से जाने के लिए कहा, जिससे दोनों गुटों के बीच विवाद हो गया। पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और जुलूस को जारी रखने की अनुमति दी। जुलूस में शामिल लोगों ने बाद में नागमंगला थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें जुलूस जारी रखने की अनुमति नहीं दी गई। एसपी बालादंडी ने पुष्टि की कि पुलिस ने लोगों को समझाया और जुलूस को जारी रखने की अनुमति दी।
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