हर इंसान की जिंदगी में कभी न कभी उसका सामना समस्याओं से जरूर होता है. अतःयह बहुत जरूरी है कि उस समय अपने आप पर नियंत्रण करके समस्या की जड़ तक जाकर इसे ख़त्म करने के बारे में सोचा जाएं ना की रोया जाएं. समस्याएं आती हैं और परेशान भी करती हैं पर कुछ लोगों को समस्याएं ज्यादा ही घेरे रखती हैं. ऐसी स्थिति में इंसान शारीरिक के साथ मानसिक स्तर पर भी टूट जाता है. ऐसा समय पर बहुत जरूरी है कि ख़ुद पर संतुलन बनाते हुए सोचने-समझने के सामर्थ्य को बनाए रखना बहुत जरूरी है.
किसी भी इंसान को कभी भी अहं की भावना को अपने में पनपने नहीं देना चाहिए. यदि कभी भी ऐसा कुछ महसूस होता है तो उसे समय रहते ही ख़त्म करना चाहिए अन्यथा आप अपने प्रियजनों से दूर होते चले जाएंगे और परेशानियों के समय प्रियजनों का साथ बेहद जरूरी होता है.
परेशानियों के समय इंसान को ठीक वैसे स्माइल करना चाहिए जैसे कोई छोटा बच्चा करता है. इससे सकारात्मक बनी रहती है और समस्या से लड़ने की पॉजिटिव ऊर्जा भी मिलती है. समस्या के समय जो लोग केवल दूसरों को या अपने हालात को दोष देते हैं, वे ज्यादातर भावनाओं में बहकर गलत फैसले लेते हैं जिसका दुष्परिणाम आपको अपनों को खोकर भी भुगतना पड़ सकता है. वहीं जो लोग इसकी जिम्मेदारी लेते हैं, वे बुरे हालात में भी राह बना लेते हैं क्योंकि वो विकल्पों को सीमित नहीं होने देते है.
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