वाशिंगटन: भारत ने यहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा है कि आतंकवादियों को 'सियासी सुविधा' के आधार पर 'बुरे' या 'अच्छे' के रूप में वर्गीकृत करने का युग फ़ौरन खत्म होना चाहिए। इसने एक संकल्पना पत्र जारी करते हुए कहा कि आतंकी कृत्यों को धार्मिक या वैचारिक रूप में वर्गीकृत करने से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की साझा वैश्विक प्रतिबद्धता कम हो जाएगी।
यूनाइटेड नेशंस की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद (UNSC) के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में भारत बहुपक्षवाद में सुधार और आतंकवाद से निपटने के उपायों पर 14 और 15 दिसंबर को दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिसका नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने महासचिव एंतोनियो गुतारेस को एक पत्र लिखते हुए कहा कि विषय पर चर्चा के लिए एक संकल्पना पत्र सुरक्षा परिषद के डाक्यूमेंट्स के रूप में प्रसारित किया जाए।
पिछले हफ्ते लिखे गए संकल्पना पत्र में कहा गया है कि, 'न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले ने आतंकवाद से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय रुख बदल दिया। इसके बाद से लंदन, मुंबई, पेरिस, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के कई हिस्सों में आतंकी हमले हुए।' इसमें कहा गया है कि ये हमले दर्शाते हैं कि आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक है तथा विश्व के एक हिस्से में आतंकवाद का विश्व के अन्य हिस्सों में शांति और सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है।
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