'बांग्लादेशियों का इलाज बंद करो..', कोलकाता में भाजपा का प्रदर्शन, इस्लामी हिंसा के खिलाफ उठाई आवाज़

'बांग्लादेशियों का इलाज बंद करो..', कोलकाता में भाजपा का प्रदर्शन, इस्लामी हिंसा के खिलाफ उठाई आवाज़
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कोलकाता: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती इस्लामी हिंसा की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। हाल ही में दो दिन के भीतर तीन मंदिरों में तोड़फोड़ कर इस्लामवादियों ने 8 मूर्तियों को खंडित कर दिया। इस बर्बरता के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने मांग उठाई है कि पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में गैर-हिंदू बांग्लादेशियों का इलाज बंद किया जाए।

रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता के मुकुंदपुर क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक गुट ने शनिवार को 'सैल्यूट तिरंगा' नामक विरोध मंच का आयोजन किया। इस मंच के जरिए उन्होंने मांग की कि क्षेत्र के एक निजी अस्पताल को बांग्लादेश से आने वाले गैर-हिंदू मरीजों का इलाज करने से मना कर देना चाहिए। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब बांग्लादेश में इस्लामवादियों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, तो भारत में बांग्लादेशी मुस्लिमों को इलाज की सुविधा क्यों दी जानी चाहिए? 

भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रही है, और इस मुद्दे पर भारत को कड़ा रुख अपनाना चाहिए। वहीं, कोलकाता का यह निजी अस्पताल, जहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी मरीज इलाज के लिए आते हैं, अब विरोध का केंद्र बन गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक प्रतिनिधिमंडल भेजा और कहा कि देश सबसे पहले आता है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनकी हत्या हो रही है, और ऐसे में गैर-हिंदू बांग्लादेशियों को भारत में चिकित्सा सुविधा देना अनुचित है। भाजपा ने यह भी कहा कि यह विरोध प्रदर्शन राष्ट्र और तिरंगे के सम्मान के लिए किया जा रहा है।

भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बीच यह सवाल उठने लगे हैं कि खुद को सेक्युलर कहने वाले राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? जब हजारों किलोमीटर दूर इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध हुआ था, तब यही सेक्युलर दल हमास के पक्ष में रैलियां निकाल रहे थे, प्रस्ताव पारित कर रहे थे, और यहां तक कि हमास के समर्थन में भाषण भी आयोजित कर रहे थे। लेकिन, जब बात बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचारों की आई, तो इन दलों ने चुप्पी साध ली है। भाजपा के अलावा किसी भी अन्य राजनीतिक दल को बांग्लादेश में हो रहे हिंदू विरोधी हमलों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नहीं देखा गया है। भाजपा ने साफ कहा है कि राष्ट्र पहले आता है, और हिंदू समाज के साथ खड़े रहना हमारी जिम्मेदारी है। वहीं, सेक्युलर पार्टियों की यह चुप्पी यह सवाल खड़ा करती है कि क्या इन दलों को हिंदुओं के वोट नहीं चाहिए? यदि ऐसा नहीं है, तो फिर हिंदुओं की पीड़ा को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?

भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बंद होने तक वे इस तरह के प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने अस्पतालों और अन्य संस्थानों से अपील की है कि वे बांग्लादेश से आने वाले गैर-हिंदू मरीजों को तब तक सुविधाएं न दें, जब तक बांग्लादेश सरकार हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भाजपा का यह विरोध प्रदर्शन न केवल हिंदू समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी उजागर करता है कि तथाकथित सेक्युलर दल किस तरह अपने वोट बैंक की राजनीति के चलते हिंदुओं की पीड़ा को अनदेखा कर रहे हैं। यह समय है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाएं और हिंदू समाज के साथ खड़े हों।

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