कारगिल की विजयगाथा में न केवल हमारे जवानों ने अपना अहम योगदान दिया बल्कि फर्राटेदार उड़ान भरने वाले विमान का भी इसमें अहम योगदान रहा। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान भारत के एक विमान जिसे बहादुर नाम दिया गया था, उससे इतना ख़ौफ़ खाता था कि पाक इस विमान को चुड़ैल कहता था।
साल 1999 में हजारों फ़ीट की उंचाई पर पाक के साथ लड़ी गई लड़ाई में भारत ने विजय हासिल की थी और पाक के 3 हजार से अधिक सैनिक मार गिराए थे। भारत से ऊंची पहाड़ियों पर बैठा पाक इस बात से बिल्कुल बेख़बर था कि भारत उससे भी ऊपर उठकर उस पर हमला करने में सक्षम है और हुआ भी ऐसा ही। भारत की ओर से पाकिस्तान को आसमान से भी खदेड़ना शुरू किया गया। रूस के विमान मिग-27ने भारत का काफी सहयोग किया था। 1700 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार रखने वाले मिग-27 को कारगिल युद्ध के दौरान 'बहादुर' नाम दिया गया था। भारतीय सेना के साथ इसने 38 साल बिताए है। इसकी आवाज से पूरी पाक सेना में दहशत फ़ैल जाती थी।
यह थी बहादुर की ख़ासियत
'बहादुर' यानि कि मिग 27 विमान अपने समय का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली विमान था। इसे उस समय सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान में गिना जाता था। इसकी ताकत और ख़ासियत यह थी कि यह आसमान से धरती पर निशाना लगाता तो दुश्मन को भी इसकी भनक नहीं लग पाती थी। यह पूरी तरह से दुश्मन का काम तमाम कर देता था। 1700 किलोमीटर प्रतिघंटे की उड़ान भरने वाला यह विमान 4 हजार किलोग्राम के वॉरहेड को भी ले जाने में सक्षम था।
भारत के शहीद जवान
इस युद्ध में भारत ने जहां 3 हजार से अधिक पाक सैनिक मार गिराए थे, वहीं भारत के भी इस युद्ध में 527 जवान शहीद हो गए थे। साथ ही 1300 से अधिक भारतीय सैनिक इस जंग में घायल हुए थे।
कारगिल विजय दिवस : शहीद होने से पहले 'सुल्तान' ने लहराया था पहाड़ी पर तिरंगा
कारगिल विजय दिवस : कारगिल के हीरो दशरथ सिंह गुर्जर, 4 दिन तक रहे थे भूखे