जांजगीर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में अफसरों के कारनामों के बारे में जानेंगे तो आप भी अपना सिर पकड़ लेंगे। दरअसल, जिले में नहर की भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए सिंचाई विभाग ने महादेव को नोटिस दिया है। शिव मंदिर के नाम भेजे गए इस नोटिस में एक हफ्ते का वक़्त कब्जा हटाने के लिए दिया गया है। विशेष बात यह है कि इसी भूमि पर नेताओं तथा पूर्व अधिकारीयों के कॉम्प्लेक्स तथा घर भी बने हैं, मगर उन्हें छोड़ दिया। अधिकारीयों का कहना है कि नक्शा खो गया है। स्थिति यह है कि विभाग उसकी नाप-जोख तक नहीं करा पा रहा।
बता दें कि सिंचाई विभाग अपनी भूमि की सुध ले रही है तथा नहर के दाईं तरफ सर्विस रोड़ के पश्चात् हुए अवैध कब्जा को हटाने के लिए नोटिस भेज रही है। जल संसाधन विभाग की भूमि पर वैसे तो जिला मुख्यालय में लोग काफी वक़्त से अतिक्रमण कर भवन निर्माण कर लिए हैं, किन्तु विभागीय अफसरों ने इसे रोकने के लिए कभी कोई कारवाई नहीं की। लिहाजा लोगों ने नहर के ऊपर शिव मंदिर का भी निर्माण कर दिया। मंदिर में पूजा-पाठ कर जनप्रतिनिधियों से राशि लेकर सामुदायिक भवन भी बनवा लिया है। सिंचाई विभाग नींद से जागा तो अब कार्यवाही कर रही है।
वही सिंचाई विभाग ने अपनी भूमि की तलाश की है। नहर पटवारी के साथ राजस्व विभाग के पटवारी के साथ मिलकर भूमि चिन्हित की। विभाग ने बेजा कब्जाधारियों को नोटिस देकर 7 दिनों में उत्तर मांगा है। इस नोटिस में शिव मंदिर को भी सम्मिलित किया गया है। शिव मंदिर से भी जवाब तलब किया गया है। महादेव के नाम पर नोटिस मंदिर के पुजारी को थमाया गया है। ये नोटिस 15 नवंबर को जारी किया गया है।
अफसरों ने झाड़ा पल्ला:-
हालांकि इस केस में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता सतीश कुमार सराफ ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है। उन्हें शिव मंदिर को नोटिस जारी होने की खबर नहीं है। इसकी खबर एसडीओ ही दे पाएंगे।
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