इन कारणों से भी हो जाती है शुक्राणुओं की कमी

इन कारणों से भी हो जाती है शुक्राणुओं की कमी
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शुक्राणु ही बच्चे के जन्म का मुख्य कारण है और इनकी कमी के कारण ही बहुत से लोग माता पिता बनने से वंचित हो जाते हैं. वैसे तो शुक्राणुओं की कमी के बहुत से कारण हो सकते हैं लेकिन आज हम आपको जो कारण बताएँगे उनके बारे में तो शायद आपने कभी सोचा ही नहीं होगा। स्पर्म्स को खत्म करने वाली चीजे हर रूप में मौजूद है. आपके शावर से लेकर, बिल जमा करवाने की लाइन तक, अपना पसंदीदा खाना पैक करवाने से लेकर अपना पसंदीदा पेय पीने तक में बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो आपके शुक्राणओँ में कमी का कारण बन जाती है. सोचिये दिन में कितनी बार कोई आपके हाथ में कैश की रिसिप्ट पकड़ता होगा।

आपकी सुबह की कॉफ़ी, आपके गैस की पर्ची,किराने के सामान की स्लिप, आपके डिनर का बिल या फिर आपकी मूवी की टिकट सभी में एक बात कॉमन है और वह है की आज कल की चालीस प्रतिशत रसीदों पर लगभग 40 प्रतिशत हार्मोन-बाधित रासायनिक बायस्पानोल ए (बीपीए) का लेप लगा हुआ होता है जो प्रजनन समस्याओं और हृदय रोग से जुड़ा हुआ है। शोध में भी जिन पुरुषों के मूत्र में उच्च बीपीए स्तर पाया गया उनमे शुक्राणुओं की कमी पायी गयी.

डिब्बाबंद भोजन सुविधाजनक है, लेकिन लगभग सभी धातु के डिब्बे बीपीए के साथ लेपित होते हैं और जिनके कुछ भाग हमारे भोजन में भी आसानी से आ जाता है. सेक्स टॉयज का उपयोग करते हैं तो भी सावधानी बरतनी चाहिए।

विनाइल से बने डिलडो, वाइब्रेटर, और दुसरे आनंद उपकरणों से बचें। इस प्रकार के प्लास्टिक से कैंसर, एलर्जी, जन्म दोष, और बांझपन का खतरा बढ़ जाता है.

ठंडी जगह पर रहने वालों मर्दों को शायद कार की गर्म सीट काफी आरामदायक लगती होगी लेकिन ऐसा करने से आपके शुक्राणुओं को भी बहुत नुकसान होता है. गर्म टब में ज्यादा वक्त तक बैठने , हीटिंग पैड, और हीटिड कार सीट से अंडकोष के तापमान में गर्मी शुक्राणु उत्पादन को कम करने के लिए पर्याप्त है।

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