भीकनगांव से आत्माराम पटेल की रिपोर्ट
भीकनगांव। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय भीकनगांव द्वारा आयोजित तनाव मुक्त शिविर के चौथे दिन राजयोगिनी बीके शुभांगी ने तनाव को विस्तृत रूप से समझाते हुए कहा कि तनाव दो प्रकार के होते है, एक होता है पर्सनल एवं एक होता है प्रोफेशनल l तनाव की तीन स्टेट्स होती है पहली प्रेशर, दूसरी टेंशन एवं तीसरी स्ट्रेस यदि इस तनाव को नहीं पहचाना गया तो यह तनाव जानलेवा भी हो सकता है। अंत में उन्होंने बताया कि इस तनाव को दूर करने के लिए पहले अपने आप को जानना होगा। परमात्मा को जानना होगा तथा साथ ही अपने आपके लिए कुछ समय निकालना होगा।
शासकीय जननायक टंट्या मामा महाविद्यालय भीकनगांव में ब्रह्माकुमारी शुभांगी दीदी ने छात्रों को कहा कि आज की शिक्षा मूल्य आधारित नहीं है। जिसके कारण हमारे समाज में अनेक विभिन्नता आ रही है, हमें स्वयं की पहचान के द्वारा अपने जीवन को मूल्य निष्ट बनाना होगा और हमारी वास्तविक पहचान यह भौतिक शरीर नहीं बल्कि हम एक चेतन शक्ति आत्मा है।
इस सच्चाई को जानने से ही हमारे जीवन में बदलाव आ सकता है उन्होंने एक पावर गेम के द्वारा बच्चों को नैतिक मूल्य धारण करना सिखाया। सुनना, धारण करना, सहानुभूति, रचनात्मकता बच्चों ने इन गेम्स के द्वारा इन गुणों को सहज रीती अपनाने का संकल्प लिया। महाविद्यालय स्टाफ के सभी स्टाफ ने दीदी का आभार व्यक्त किया।
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