नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, तथा इस सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही पूरी तरह से हंगामे का शिकार हो गई। अडानी समूह से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था तथा विपक्ष इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहा था। जैसे ही कार्यवाही आरम्भ हुई, दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया। इस हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे और राज्यसभा की कार्यवाही 11:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा
लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही फिर से आरम्भ होने पर भी हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था। इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में किसी भी तरह का कामकाज नहीं हो सका। वहीं, लोकसभा में हंगामे के चलते प्रश्नकाल के दौरान मेरठ से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अरुण गोविल ने सोशल मीडिया तथा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री का मुद्दा उठाया, जिससे सदन में फिर से हंगामा मच गया।
अरुण गोविल के सवाल का जवाब सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर संपादकीय जांच का कोई तंत्र नहीं है, और इसे और कड़ा करने की आवश्यकता है। अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि हमारे देश की संस्कृति एवं उन देशों की संस्कृति में भारी अंतर है, जहां से ये प्लेटफॉर्म आते हैं। इसलिए, उन्होंने संसद की स्थायी समिति से इस मुद्दे को देखने और सख्त कानून बनाने की अपील की। इससे पहले, अरुण गोविल ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो सामग्री दिखाई जा रही है, उसने हमारे नैतिक मूल्यों और संस्कारों को गहरी चोट पहुंचाई है। OTT प्लेटफॉर्म्स पर जो सामग्री प्रसारित हो रही है, वह अश्लील है तथा उसे परिवार के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अश्लील सामग्री को रोकने के लिए मौजूदा तंत्र क्या है और क्या सरकार इन कानूनों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखती है?
लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही के चलते हंगामे के कारण उसे स्थगित करना पड़ा। स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की, किन्तु इसका कोई असर नहीं हुआ। फिर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा आरम्भ हुई, तब आसन पर दिलीप सैकिया थे। विपक्षी सदस्यों ने फिर से हंगामा किया। अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर विपक्षी हंगामे के बीच कुछ समय तक सदन की कार्यवाही चल सकी। इस दौरान, लिस्टेड बिजनेस और नियम 377 के तहत स्वीकृत मामले लिखित रूप में सदन पटल पर रखे गए तथा इसके बाद कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।