नई दिल्ली: हर जगह अपने सभी जरूरी दस्तावेज ले जाना कुछ मुश्किल भरा हो सकता है। यह तब तकलीफ दे जाता है, जब ये दस्वावेज ओरिजिनल हों, क्योंकि खो जाने का डर हर समय बना रहता है। ऐसे में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे निजात दिलाने के लिए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बहुत ही उम्दा पहल की गई थी, जो आज लगभग हर एक इंसान के मोबाइल में खास जगह बना चुकी है। हम बात कर रहे हैं डिजीलॉकर (DigiLocker) की। भारत सरकार की इस सुविधा का उपयोग कर आप अपने डॉक्यूमेंट्स को निश्चिंत होकर सुरक्षित रख सकते हैं और आपको इन्हें हर जगह फिजिकल रूप से ले जाने की जरूरत भी नहीं होगी।
इसमें और भी ज्यादा इजाफा करते हुए भारत सरकार ने पूर्व छात्रों को डिजिटल दुनिया की खूबसूरत सौगात दी है। अब डिजीलॉकर के माध्यम से वे घर बैठे अपने डिग्री सर्टिफिकेट्स आसानी से देखने के साथ हासिल कर सकते हैं। इसमें 2014 से लेकर 2021 तक का डाटा अपलोड किया जा चुका है। इसकी जानकारी डिजीलॉकर ने खुद स्वदेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू ऐप पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से दी है। कू पोस्ट करते हुए डिजीलॉकर ने कहा है: '#MadhavUniversity, #Rajasthan के पूर्व छात्रों के लिए डिग्री सर्टिफिकेट्स की पहुँच अब आसान हो गई है! अब आप #Digilocker के माध्यम से वर्ष 2014 से 2021 तक के अपने डिग्री सर्टिफिकेट्स आसानी से देख और प्राप्त कर सकते हैं। बस डिजिलॉकर में साइन अप करें और अपने सभी डॉक्यूमेंट्स और सर्टिफिकेट्स प्राप्त करें।'
आजकल इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के कारण सरकार ने भी अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन किए जाने का लक्ष्य ले लिया है। खास बात यह है कि वह इसमें सफल भी हुई है। खासतौर पर पीएम मोदी ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से क्रांति ला दी है, जिसके चलते हर एक चीज़, चाहे वह कोई सरकारी योजना हो या फिर बैंक का पेमेंट, वे सबको डिजिटल बना रहे हैं। इसी कड़ी में डिजीलॉकर बढ़-चढ़कर आगे आया है।
यह सुविधा डॉक्यूमेंट्स की स्कैन की गई प्रतियों को अपलोड करने के लिए हर अकाउंट में 1GB स्टोरेज स्पेस प्रदान करती है। यह सुविधा पाने के लिए यूज़र के पास भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड होना चाहिए। अपना आधार अंक डाल कर यूज़र अपना डिजीलॉकर अकाउंट खोल सकता है और अपने जरूरी डॉक्यूमेंट्स इसमें सुरक्षित रख सकता है।
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