हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के हित में मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने निर्णय लिया है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी की मिली जुली भाषा में भी प्रश्नो का जवाब दे सकेंगे. विश्वविद्याल ने इस निर्णय को बोर्ड ऑफ स्टडीज में हुई पूरी बातचीत के पश्चात् मेडिकल संकायों के लिए जारी कर दिया है.
इस निर्णय से उन विद्यार्थियों को परीक्षा में अपने जवाब लिखने में आसानी रहेगी जो कक्षा 12वीं तक हिंदी मीडियम में पढ़ाई करने के बाद मेडिकल में प्रवेश लेते हैं. इस निर्णय के बाद से अब मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी जुलाई महीने में होने वाली परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर हिंदी में भी दे पाएंगे. इस निर्णय से जुडी हुई अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई है.
इस निर्णय के साथ ही मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर देश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है जिसने हिंदी भाषा में परीक्षा देने की अनुमति विद्यार्थियों को रहेगी. इस निर्णय को लेकर कुलपति का कहना है कि सिलेबस एमसीआई के अनुसार ही रहेगा. कुलपति ने ये भी बताया है कि वर्तमान में लगभग पचास प्रतिशत छात्र विद्यार्थी हिंदी माध्यम से रहते हैं.
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