हिमाचल के सरकारी और निजी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोड सेफ्टी का पाठ पढ़ाया जा सकता है । आपकी जानकारी के के लिए बता दें की फरवरी अंत और मार्च के पहले सप्ताह में शीतकालीन सरकारी और निजी स्कूल खुल जाएंगे। ऐसे में इन स्कूलों में वाहनों के नियमों के जानकारी दी जाएगी। महीने में एक बार स्कूलों में रोड सेफ्टी पर लेक्चर दिया जा सकता है।
हादसों पर अंकुश लगाने के लिए एचआरटीसी और निजी बसों के चालक, परिचालक, टैक्सी आपरेटर और युवा मंडल को रोड सेफ्टी के बारे में अवगत कराया जा सकता है । इसके अलावा परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने बताया कि रोड सेफ्टी जागरूकता के साथ विभाग मास्टर ट्रेनर और नोडल अधिकारी भी तैनात किए जा सकते है । आम लोगों को रोड सेफ्टी के लिए जागरूक किया जा सकता है । पठानिया ने बताया कि नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
दुर्घटनाओं में हिमाचल नंबर वन
हिमाचल सड़क दुर्घटनाओं में अन्य राज्यों की अपेक्षा पहले स्थान पर है। इसके अलावा प्रदेश में हर साल तीन हजार दुर्घटनाएं होती हैं। वही इनमें 12 सौ लोगों की जान जाती है। 95 फीसदी सड़क हादसे मानवीय भूल के कारण होते हैं। वही ड्रिंक एंड ड्रंक ड्राइविंग, मोबाइल सुनना, म्यूजिक सिस्टम, ओवर स्पीड और सीट बेल्ट न बांधना हादसों का मुख्य कारण होता है।
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