बोस्टन: लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित हुई सरकारें स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा खर्च करती हैं जबकि राजशाही या तानाशाही द्वारा चलाए जा रहे शासन में ऐसा बात दिखाई नहीं देती. अमेरिका के एमआईटी के एक स्टडी में यह बात सामने आई है, जिसके लिए 184 देशों से प्राप्त आंकड़ों का अध्ययन किया गया है. यह अध्ययन ‘पॉलिटिकल इकोनॉमी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
अध्ययन में इस बात को बेहद प्रमुखता से बताया गया कि लोकतांत्रिक शासन में देश अपने नागरिको के मौलिक अधिकारों का ख़ास ध्यान रखता है. इसमें यह भी पाया गया है कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को स्वीकार करने वाले राष्ट्रों में पूर्व के राजशाही शासन की तुलना में 25 वर्ष की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि लोकतंत्र में व्यापक आधार पर खासकर स्वास्थ्य एवं मानव संसाधन के क्षेत्र में निवेश किया जाता है जो राजशाही या निरंकुश शासन व्यवस्था में कम ही दिखाई देता है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लोकतंत्र शासन में नागरिक भी देश के विकास में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं. अमेरिका में मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के डेरॉन एसमोगलू ने कहा है कि, ‘‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में विकास को प्रोत्साहन देने वाले कई तरह के सुधार एक ख़ास तरजीह से मुक्त होते हैं, यानी यहां सभी के लिए एक समान व्यवस्था रहती है, वहीं गैर लोकतांत्रिक शासन में अपने कृपापात्रों को ही ख़ास ट्रीटमेंट देने की प्रवृत्ति देखी गई हैं.’’
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