नई दिल्ली : सुप्रीमकोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध से संबंधित मामला संविधान पीठ को सौंप दिया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार यह निर्णय लिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 20 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
उल्लेखनीय है कि 12वीं सदी का सबरीमाला मंदिर केरल के पथानामथिट्टा जिले में है.यह भगवान अयप्पा को समर्पित है. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का विवाद लंबे अर्से से चला आ रहा है. विवाद का विषय महिलाओं की पवित्रता को लेकर है. इस मामले में यंग लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से 5 महिला वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 13अप्रैल 2016 की सुनवाई के दौरान कहा था कि हिंदू धर्म में महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं किया गया है. महिलाओं को मंदिर में पूजा करने से रोकना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा. जबकि सबरीमालामंदिर प्रबंधन ने 10 से 50 वर्ष की आयु तक की महिलाओं के प्रवेश को प्रतिबंधित किया हुआ है. मंदिर प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि चूंकि महिलाएं शुद्धता बनाए नहीं रख सकतीं, इसलिए मंदिर में प्राचीन परंपरा के अनुसार उनके प्रवेश पर रोक लगाई गई है.इस विषय में तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार को कई सवाल भी तैयार किए.
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