भुवनेश्वर : अपनी ताकत को और बढ़ाते हुए भारत ने शुक्रवार को ओडिशा तट के पास परमाणु क्षमता से लैस बैलेस्टिक मिसाइल धनुष का सफल परीक्षण कर लिया है. धनुष को नौसेना के पोत से भी देगा जा सकता है. धनुष सतह से सतह पर मार करने की ताकत से लैस है जिसका सफल परीक्षण सुबह करीब 10:52 बजे बंगाल की खाड़ी में पारादीप के पास तैनात पोत से किया गया है.
धनुष मिसाइल की खासियत -
यह मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित पृथ्वी मिसाइल का रूपांतर है.
रक्षा बलों के सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने इसके परीक्षण को अंजाम दिया.
भारतीय नौसेना की एसएफसी की ओर से प्रशिक्षण अभ्यास के तहत मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया.
मिसाइल परीक्षण और इसकी उड़ान के प्रदर्शन की निगरानी ओडिशा तट में रडार सुविधाओं और डीआरडीओ की टेलीमेट्री (दूरमापी) से की गई.
एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित पांच मिसाइलों में से एक है
इसका पिछला सफल परीक्षण नौ अप्रैल 2015 को हुआ था.
मिसाइल की विशेषता-500 किलो वारहेड ले जाने में सक्षम
जमीन व समुद्र दोनों जगहों पर अपने लक्ष्यों को भेद सकती है.
मारक क्षमता 350 किलोमीटर, निशाना बिलकुल सटीक रहता है.
एक चरण वाली मिसाइल धनुष को रक्षा सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है.
अगर भारत की स्वदेशी मिसाइलों की बात करें तो उसके पास नाग मिसाइल है जिसका सफल परीक्षण 1990 में किया गया.
1990 में आकाश मिसाइल का परीक्षण किया गया था.
जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल की तुलना अमेरिका के पेटियॉट मिसाइल से की जाती है.
भारत के पास ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल भी हैं.
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