माता रानी का ऐसा शक्तिपीठ, जहां आंखों पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा

माता रानी का ऐसा शक्तिपीठ, जहां आंखों पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा
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नवरात्री माता की आराधना का पर्व है, नौ दिनों तक भक्त माँ की उपासना करते है। नवरात्री का नाम सुनते ही गुजरात की याद आती है, गुजरात गरबे के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। गरबे के साथ ही यहां माता के कई प्रसिद्ध मंदिर और शक्ति पीठ भी है। हम बात कर रहे है गुजरात के बनासकांठा जिले में अंबाजी मंदिर की यह गुजरात ही नहीं भारत का अबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यहां भक्त दूर दूर से दर्शन को आते है, भक्तों में माँ के लिए इतनी श्रद्धा है की विदेश में रहने वाले गुजराती भी नवरात्री में यहां आते है।

अम्बाजी माता मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है। अम्बाजी मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है, यह मंदिर मूल रूप से नागर ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया था। यहां देवी की कोई मूर्ती नहीं है, बल्कि एक बेहद ही पवित्र श्री यंत्र है, जिसकी मुख्य रूप से पूजा की जाती है। मंदिर के इस श्री यंत्र को सामान्य आंखों से देखन मुश्किल है, यहां फोटो खींचना भी वर्जित है। यहां भक्त आंखों पर पट्टी बाधंकर पूजा करते है। मंदिर सफेद संगमरमर से बना है जिसमें सोने के शंकु है। अंबाजी मंदिर सप्ताह के सभी सातों दिन दर्शन के लिए खुला रहता है।

अंबाजी मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर एक कुंड है, इस कुंड को मानसरोवर के नाम से जाना जाता है। इस कुंड में डुबकी लगाना बेहद पवित्र माना जाता है। अंबाजी मंदिर पहुंचने के लिए शहर के पास का रेलवे स्टेशन आबू रोड पर है, जो यहां से सिर्फ 20 किलोमीटर की दुरी पर है। यह रेलवे स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा है। इसके साथ ही आप सड़क मार्ग से भी यहां पहुंच सकते है। निकटतम प्रमुख शहर पालनपुर है, यहां से राज्य के अन्य भागों से सीधी बसें उपलब्ध है। अहमदाबाद से अंबाजी मंदिर 179 किमी दूर है।

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