देश में बीते कुछ वक़्त में हार्ट डिसीस एवं हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। दिल से जुड़ीं परेशानियां अब किसी भी खास आयु वर्ग के लोगों तक सीमित नहीं रह गई हैं। डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसे रोगों हार्ट डिसीस को न्योता देती हैं। इसके अतिरिक्त, एथेरोस्क्लेरोसिस भी एक ऐसी ही कंडीशन है जो लोगों को अचानक हार्ट अटैक का शिकार बनाती है। इसमें दिल की धमनियों (आर्टरीज) में जकड़न आ जाती है तथा उनमें ब्लड फ्लो कम हो जाता है जो आगे चलकर हार्ट अटैक की वजह बनता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि यदि आपको एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी है तो आपको हार्ट अटैक आने का रिस्क आठ गुना ज्यादा हो सकता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस क्यों है खतरनाक?
एथेरो यानी फैट और स्क्लेरोसिस यानी जमा होना। यदि दिल की धमनियों में फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा होता है तो यह कंडीशन एथेरोस्क्लेरोसिस कहलती है। इसमें धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं तथा दिल के दौरे का रिस्क बढ़ता है। एथेरोस्क्लेरोसिस लीवर में हो तो फैटी लिवर फेलियर एवं किडनियों में हो तो किडनी फेलियर कहलाता है। मगर इस बीमारी की सबसे डराने वाली बात यह है कि इसके लक्षण जल्दी प्रकट नहीं होते हैं तथा इस कारण से अधिकतर मरीजों को इस बीमारी की जानकारी ही नहीं हो पाती है। नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक, इस कंडीशन में आहिस्ता-आहिस्ता आपकी धमनियों में फैट जमा होता जाता है जिससे वो संकरी हो जाती हैं तथा फिर उनमें ब्लड फ्लो मुश्किल हो जाता है।
बिना दस्तक दिए आती है ये बीमारी:-
बहुत से लोगों में इस रोग के लक्षण नजर नहीं देते मगर यह दिल का दौरा एवं स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाता है। एक स्टडी में कहा गया कि बहुत सारे लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस की यह बीमारी कम उम्र में ही जन्म ले लेती है मगर लंबे वक़्त तक उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते जब तक कि आखिर में उन्हें दिल का दौरा नहीं आ जाता है। शोधकर्ताओं ने 9,000 से ज्यादा लोगों का अध्ययन किया था जो 40 या उससे अधिक उम्र के थे। ये लोग किसी भी दिल की बीमारी से पीड़ित नहीं थे जिससे यह पता लगाया जा सके कि इन्हें दिल का दौरा पड़ सकता है। फैट, कार्बोहाइड्रेट और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सीमित मात्रा में सेवन करें। नियमित तौर पर व्यायाम करें। स्वस्थ भोजन करें एवं वजन को नियंत्रण में रखें। डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर काबू में रखें। शराब और स्मोकिंग से बचें। यदि सीने में दर्द, दबाव हो या व्यायाम या चलने-चलते बाहों एवं पैरों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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