नई दिल्ली: सूडान में फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) यानी महिलाओं के खतना को अब अपराध घोषित कर दिया गया है और सजा के तौर पर तीन वर्ष की कैद का प्रावधान किया गया है. महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले संगठनों ने इसे महिलाओं के लिए एक नए युग की शुरूआत करार दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक डेटा के अनुसार यहां 10 में से नौ महिलाएं खतना के दर्द से गुजरती हैं जो कि सेहत के लिए काफी खतरनाक है.
सूडान की सरकार ने अपने आपराधिक कानून में संशोधन को स्वीकृति दे दी है, जिसमें कहा गया कि जो कोई भी महिलाओं का खतना करता है उसे तीन वर्ष की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ेगा. यहां के महिला अधिकार संगठनों का कहना है कि इस सजा से FGM को खत्म करने में सहायता मिलेगी. हालांकि इन संगठनों का कहना है कि अभी भी लोगों की मानसिकता को बदलना बहुत ही मुश्किल काम है, क्योंकि लोग इसे एक ऐसी पारंपरिक प्रथा के रूप में मानते आ रहे हैं, जिसे बेटियों की शादी के लिए निभाना आवश्यक है.
अफ्रीका में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली एक NGO की क्षेत्रीय निदेशक फैजा मोहम्मद ने बताया कि, 'सबसे अधिकम महिलाओं का खतना सूडान में ही किया जाता है. अब खतना करवाने वाले लोगों को निश्चित रूप से सजा देनी जानी चाहिए ताकि लड़कियों को इस बर्बरता से बचाया जा सके.'
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