उज्जैन। अलवर के जगद्गुरू रामानुजाचार्य श्री स्वामी कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज के सानिध्य में भारत भ्रमण पर निकला रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दि रथ बड़नगर रोड़ स्थित लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर पहुंचा। जहां देशभर में सुख समृद्धि के लिए श्री श्री कांताचार्य महाराज के सानिध्य में सुदर्शन यज्ञ संपन्न हुआ। यज्ञ में चारों वेद के मंत्रो से आहूति दी। वहीं रथ पर विराजित रामानुजाचार्य स्वामी की 8 फीट उंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर आरती की गई।
श्री श्रीभाष्यकार जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामीजी के सहस्त्राब्दि वर्ष 2017 महोत्सव हेतु निकली यह रथ यात्रा 7 नवंबर 2016 को शुरू हुई। महाराष्ट्र, नागपुर, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, चित्रकूट, कानपुर, आगरा, इटावा होते हुए 20 नवंबर को राजस्थान की सीमा भरतपुर में प्रवेश किया। राजस्थान के प्रत्येक जिले में भ्रमण करते हुए राष्ट्र एवं राज्य की रक्षा हेतु सुदर्शन महायज्ञ प्रत्येक जिले में कराते हुए भारत, पाकिस्तान की सीमा पर भी रथ यात्रा पहुंची।
4 फरवरी 2017 को राजस्थान के बाद अलवर में प्रवेश में किया। दूसरे चरण में 24 मार्च 2017 में मुरैना जिले में प्रवेश किया जहां से ग्वालियर, शिवपुरी, अशोक नगर, ब्यावरा, राजगढ़, शाजापुर, मक्सी होते हुए उज्जैन पहुचीं। श्री श्री श्री त्रिदण्डी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्न जीयर स्वामी द्वारा संकल्पित समतामूर्ति श्री रामानुजाचार्य स्वामीजी की 216 फीट उंची पंच धातु की प्रतिमा हैदराबाद के शंषावाद श्रीरामनगर जीवा प्रांगण में 2018 में स्थापित की जाएगी, वहीं इस यात्रा का समापन होगा। भारत भ्रमण पर निकला यह रथ 20 लाख की लागत से बना है तथा इसमें हर प्रदेश में लगभग लाखों की सामग्री व्यय हो रही है। राजस्थान में ही 5 लाख का खर्च इस रथयात्रा के दौरान हुआ।