नीदरलैंड (Netherlands) से एक हैरतंअगेज घटना सामने आई है यहाँ की सड़कों पर एक नाबालिग लड़का अकेला घूम रहा था. पूछताछ के पश्चात् उसके बारे में चौंका देने वाली बात पता चली. बताया गया कि वो लगभग ढाई हजार किलोमीटर दूर स्थित तुर्किए (Turkiye) देश का रहने वाला है. जहां 6 फरवरी को विनाशकारी भूकंप (Earthquake) आया था. इसमें हजारों व्यक्तियों की जान गई थी. फिलहाल, डच पुलिस ये पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ये लड़का इतनी दूर पहुंचा कैसे?
प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, मामला नीदरलैंड के मास्ट्रिच (Maastricht) शहर का है. यहां की सड़कों पर अकेले घूमते हुए एक लड़के से जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि उसे डच भाषा नहीं आती है. वो केवल टर्किश लैंग्वेज बोल रहा था. ऐसे में पुलिस ने तुर्किए दूतावास से संपर्क किया. तत्पश्चात, पता चला कि लड़का तुर्किए का ही रहने वाला है. फरवरी में आए विनाशकारी भूकंप में उसने अपना घर खो दिया था. वो अपने मां-बाप से भी बिछड़ गया था. ये जानने के पश्चात् पुलिस लड़के को थाने ले गई तथा उसे खाना खिलाया. बाद में लड़के को चाइल्ड शेल्टर होम भेज दिया गया. जहां से उसे वापस तुर्किए भेजने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है.
लड़के ने अपनी भाषा में बताया कि उसके माता-पिता भूकंप में घायल हो गए थे. हालांकि, वो यहां कैसे आया ये नहीं बता पाया. इस बारे में डच अफसर जानकारी जुटा रहे हैं. द हेग में स्थित तुर्किए दूतावास ने मामले पर ज्यादा जानकारी के लिए डच विदेश मंत्रालय से बात की है. आरभिंक तहकीकात के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि शायद लड़का ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग का शिकार हुआ है. या फिर किसी राहत सामग्री वाले वाहन में सवार होकर देश से बाहर चला गया हो. हालांकि, अभी तहकीकात जारी है.
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