नई दिल्ली: भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक TV डिबेट में भारत और यहाँ की धार्मिक विविधता को लेकर अपनी राय रखी है। साथ ही उन्होंने भारत में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर भी खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि, भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जहां मस्जिदों में बम नहीं फोड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि, भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां पर सभी धर्म एक समान रूप से फल-फूल रहे हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि हमारी संस्कृति ही ऐसी है। जहां ये संस्कृति समाप्त होती है और कट्टरवादी मानसिकता वाले लोगों की तादाद अधिक हो जाती है, वहां ये उदारता भी खत्म होती चली जाती है।
डिबेट के दौरान जब एंकर ने उनसे सवाल किया कि आप लोग बार-बार ये कहते हैं, तो ये सवाल उठता है कि क्या आपके कहने का मतलब है कि हिन्दू कम तो सेक्युलिरिज्म खत्म? इस पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि, इस बात में तो कोई किन्तु-परन्तु ही नहीं है। इसके जवाब में उन्होंने पूरी दुनिया से भारत की तुलना करते हुए न्यूज एंकर से ही एक सवाल पूछ लिया। उन्होंने कहा कि यदि मैं आपसे पूछूं कि विश्व में किसी ऐसे देश का नाम बताइए जहां सभी धर्म पाए जाते हों? तो इस सवाल के जवाब में केवल एक नाम ही आता है वो है भारत। सुधांशु त्रिवेदी ने पारसी धर्म का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ये धर्म अपनी जन्मभूमि से ख़त्म हो गया और पूरे विश्व से विलुप्त हो गया, लेकिन भारत में अब भी फल-फूल रहा है। उन्होंने इसके बड़े उदाहरण भी गिनवाए, जिसमे उन्होंने रतन टाटा, कोरोना वैक्सीन विकसित करने वाले आदार पूनावाला, होमी जहांगीर भाभा और सैम मॉनेकशॉ का नाम लिया।
भाजपा प्रवक्ता ने इजराइल के गठन की बात करते हुए कहा कि पूरे विश्व के विभिन्न देशों में यहूदियों पर जो जुल्म हुए, उनका संकलन करके बाकायदा इतिहास लिखा गया। सभी देशों के यहूदियों से कहा गया कि वो बताएं कि उनके ऊपर क्या-क्या अत्याचार हुए, तब केवल भारत ही एक ऐसा देश था, जहां के यहूदियों ने लिखा कि 'हमारा कोई उत्पीड़न नहीं हुआ, हमने कभी किसी भेदभाव का सामना नहीं किया।' सुधांशु ने आगे कहा कि ये सब केवल इसलिए हुआ, क्योंकि भारत और भारत की संस्कृति जिसे आप सांप्रदायिक कह-कह कर लांछित करने की कोशिश करते हैं। उसी महान हिन्दू संस्कृति के कारण ही सब फल-फूल रहे थे।
त्रिवेदी ने आगे बताया कि इसी कारण इस्लाम के भी सारे फिरके एक साथ केवल भारत में ही पाए जाते हैं। उन्होंने एंकर से भी पूछा कि आप विश्व के 57 इस्लामिक देशों में से किसी एक का नाम बताइए, जहां पर इस्लाम के सारे फिरके पाए जाते हों। इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने झारखंड के गढ़वा की घटना (जहाँ मुस्लिम आबादी अधिक होने पर स्कूल की प्रार्थना बदलवा दी गई थी) के अलावा एक और उदाहरण तमिलनाडु का दिया जहां पर दो साल पहले ही पेरंबरूर जिला वहां के कोलतार गांव में 70 फीसदी मुसलमान हो गए थे, तो उन्होंने कहा कि, मंदिर में पूजा बंद हो जानी चाहिए घंटे घड़ियाल की आवाज से हमारी धार्मिक भावना आहत होती है और तमिलनाडु की सरकार ने मान भी लिया वो तो मद्रास उच्च न्यायालय बीच में आया और कहा ये कोई तर्क नहीं है कि आपकी जनसंख्या 70 फीसदी हो जाए तो आप मंदिर में घंटा नहीं बजने देंगे, पूजा नहीं करने देंगे।
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