सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले में बंडा विधानसभा से टिकट नहीं मिलने के पश्चात् बगावती तेवर अपनाए बीजेपी नेता सुधीर यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर इस्तीफा की घोषणा की है. सुधीर यादव सागर जिले में यादवों के बड़े नेता हैं तथा उनके स्थिति पर से बीजेपी की समस्याएं बढ़ सकती हैं. यादव समाज का वोट बैंक बीजेपी से छिटक सकता है. 2 दिन पहले उन्होंने कांग्रेस एवं AAP के लोगों के संपर्क में होने की बात कही थी.
सुधीर यादव निर्दलीय या अन्य किसी पार्टी से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. उनके पिता एवं पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने सुधीर यादव के साथ अन्याय होने की बात कही थी. वहीं, विद्रोह कर चुनाव लड़ने के लिए बोला था तब सुधीर यादव ने यह कहा था कि वह लोगों से सलाह मशविरा कर रहे हैं. सुधीर यादव पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव के बेटे हैं. लक्ष्मी नारायण यादव के सांसद रहते हुए वर्ष 2018 में बीजेपी ने सुधीर यादव को सुरखी विधानसभा से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ाया था. तब कांग्रेस से गोविंद सिंह राजपूत ने चुनाव हराया था. गोविंद सिंह राजपूत के बीजेपी में सम्मिलित होने के बाद वह बंडा से जमीन बनाकर टिकट की दावेदारी कर रहे थे. पिछले दिनों चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 मतदाता अपना फैसला 17 नवंबर को EVM में कैद करेंगे.
चुनाव आयोग की तरफ से प्राप्त हुई खबर के अनुसार, राज्य के कुल 5.6 करोड़ मतदाताओं में 2.88 करोड़ पुरुष एवं 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं. इनमें ऐसे मतदाताओं की संख्या 22.36 लाख है जो पहली बार मताधिकार का उपयोग करेंगे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था. मतगणना के वक़्त देर शाम तक भी इसे लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं हो सकी थी कि सरकार किसकी बनने जा रही है. जब आखिरी परिणाम आए, भाजपा वोट शेयर के मामले में आगे रही तो वहीं कांग्रेस सीटों के लिहाज से. तब मध्य प्रदेश में 75.2 प्रतिशत मतदान हुआ था. भाजपा को 41.6 प्रतिशत वोट मिले थे तथा पार्टी ने 230 में से 109 सीटें जीती थीं. वहीं, विपक्षी कांग्रेस को 41.5 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा बहुमत के लिए आवश्यक 116 सीटों से दो कम 114 पर जाकर रुक गया. वोट शेयर के लिहाज से भाजपा पॉइंट एक प्रतिशत आगे रही तो सीटों के लिहाज से कांग्रेस पांच ज्यादा जीतने में सफल रही. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 5.1 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दो सीटों पर जीत मिली थी वहीं सपा भी 1.3 प्रतिशत वोट के साथ एक सीट जीतने में कामयाब रही थी. तब निर्दलीयों के अकाउंट में 5.9 प्रतिशत वोट गए थे तथा 4 निर्दलीय विधानसभा पहुंचे थे.
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